हर्निया क्या और कैसे होता है? हर्निया कितने प्रकार का होता है? हर्निया को कैसे ठीक करे?

Jul 26, 2021 - 20:21
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हर्निया क्या और कैसे होता है? हर्निया कितने प्रकार का होता है? हर्निया को कैसे ठीक करे?

हर्निया क्या और कैसे होता है?

शरीर के किसी भी सामान्य या असामान्य छेद से अंगों के बाहर निकलने को हर्निया कहते हैं। सामान्यत: हर्निया का मतलब उदर हर्निया यानी पेट के हर्निया से होता है जिसमें पेट की दीवार में छेद होने की वजह से आंतें पेट से निकलकर बाहर आ जाती हैं ।

हर्निया का दर्द कहाँ होता है?

हर्निया (Hernia) आमतौर पर पेट (Stomach) में होता है लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभी और कमर के आसपास भी हो सकता है. हर्निया में कमर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. इसमें पेट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और इसी कमजोरी की वजह से आंतें बाहर निकल आती हैं. यह पुरुषों के कमर वाले हिस्से में ज्यादा होता है

हर्निया रोग क्यों होता है?

शरीर का कोई अंग जब अपनी कंटेनिंग कपैसिटी यानी अपने खोल या झिल्ली से बाहर निकाल आता है तो उसे हर्निया कहते हैं। इसमें मरीज को तेज दर्द होता है, चलने-फिरने में दिक्कत होती है और उलटी भी हो सकती है। यह आमतौर पर शरीर के किसी हिस्से की मसल्स की कमजोरी और वहां लगातार प्रेशर पड़ने की वजह से होता है।

हर्निया कितने प्रकार का होता है?

सामान्यत: हर्निया के तीन प्रकार होते हैं। वेक्षण हर्निया (इंग्वाइनल हर्निया), नाभि हर्निया (अंबिलाइकल) तथा जघनास्थिक हर्निया (फीमोरल हर्निया)।

हर्निया रोग क्या है?
शरीर के किसी भी सामान्य या असामान्य छेद से अंगों के बाहर निकलने को हर्निया कहते हैं। सामान्यत: हर्निया का मतलब उदर हर्निया यानी पेट के हर्निया से होता है जिसमें पेट की दीवार में छेद होने की वजह से आंतें पेट से निकलकर बाहर आ जाती हैं । हर्निया के कई प्रकार होते हैं जिनमें इंग्वाईनल हर्निया, इन्सीजनल हर्निया, अम्बलिकल हर्निया, एपीगेस्ट्रिक हर्निया, हायटस हर्निया और डाईफ्रेगमेटिक हर्निया प्रमुख हैं।

इसके क्या लक्षण हैं?
हर्निया पेट की दीवार की कमजोरी के कारण होता है। इसमें पेट पर (वेंट्रल) या पेट के निचले हिस्से (ग्रोइन) पर एक गांठ दिखती है जो लेटने या दबाने पर खत्म हो जाती है व खांसने या खड़े होने पर दोबारा दिखने लगती है।

इससे क्या परेशानियां हो सकती हैैं?
हर्निया में मरीज को हल्का दर्द महसूस हो सकता है। वक्त के साथ हर्निया की गांठ बढ़ती जाती है। कई बार हर्निया की गांठ में आंतें अटक जाती हैं और लेटने या दबाने पर खत्म नहीं होती। आंतों में रुकावट हो सकती है जिससे आंतें सड़ भी सकती हैं, इससे मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है।  

हर्निया होने के क्या कारण हो सकते हैं?
हर्निया होने का कोई विशेष कारण नहीं होता है लेकिन कई कारण हर्निया होने में सहायक होते हैं जैसे कि भारी वजन उठाना, लम्बे समय तक खांसी, पेशाब में रुकावट, पहले किसी तरह की सर्जरी होना, कब्ज, मोटापा, धूम्रपान, उम्र का बढऩा, लम्बे समय तक स्टेरोइड्स व इम्यूनोसप्रेस्सिव दवाइयां और कोलोजन डिसऑडर्स आदि।

इसका क्या उपचार है?
हर्निया का उपचार सर्जरी है। ऑपरेशन में हर्निया के छेद को बंद किया जाता है व पेट की दीवार को ताकत दी जाती है जिसके लिए मेश (एक तरह की जाली जो अवशोषित न करने वाले पदार्थों से बनी होती है) का प्रयोग करते हैं। यह सर्जरी दो तरीके से हो सकता है- चीरे व दूरबीन से। दोनों ही ऑपरेशन का उद्देश्य
शरीर के बाहर निकले अंगों को वापस पेट में डालना व छेद को बंद करने के लिए मेश (जाली) लगाना है।

दूरबीन से हर्निया की सर्जरी के क्या फायदे हैं?
दूरबीन से हर्निया के ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द होता है। मरीज जल्दी ही चलने-फिरने लगता है। दूरबीन में मेश (जाली) छेद के नीचे लगाई जाती है जिससे हर्निया दोबारा होने का खतरा कम हो जाता है   जबकि चीरे में मेश (जाली) को छेद के ऊपर लगाते हैं।

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